राजस्थान की झीले | Lakes Of Rajasthan | भारत की प्रमुख झीलें | भारत की सबसे बड़ी खारे पानी की झीले | सांभर झील
राजस्थान राज्य भारत का क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे बड़ा राज्य है | प्राचीन काल से ही राजस्थान में अनेक झील विद्यमान है | इसके अलावा राजस्थान के रियासती राजाओं ने अनेक जिलों का निर्माण भी करवाया था इसलिए राजस्थान में जिलों की श्रेणी अलग-अलग प्रकार की है राजस्थान में तीन प्रकार की श्रेणियों की झीलें पाई जाती है -
1. प्राकृतिक झील
2. कृतिम झील
3. क्रेटर झील
· राजस्थान क्षेत्रफल की दृष्टि से भारत का सबसे बड़ा राज्य होने के साथ-साथ
भौगोलिक
दृष्टि
से
अनेक
भागों
में
बटा
हुआ
है
यहां
पर
मरुस्थल
भी
पाया
जाता
है
इस
कारण
यहां
पर
खारे
पानी
की
झीले
भी
पाई
जाती
है
अध्ययन
की
दृष्टि
से
राजस्थान
के
जिलों
को
दो
भागों
में
बांटा
जा
सकता
है
-
1.
खारे पानी की झील
2. मीठे पानी की झील
राजस्थान की खारे पानी की झीले
राजस्थान में खारे पानी की झीले टेथिस सागर का अवशेष से मानी जाती है ! इन जिलों के नीचे माइका शिष्ट चट्टाने पाई जाती है इस कारण इन जिलों का पानी खारा होता है सर्वाधिक खारे पानी की झीले राजस्थान में नागौर जिले में पाई जाती है राजस्थान में खारे पानी की प्रमुख झीले - सांभर झील, डीडवाना झील, पंचपदरा झील, लूणकरणसर झील, डेगाना झील, नावा झील, कुचामन झील, फलौदी झील, बापरण झील, पोकरण झील, कावोद झील, रेवासा झील, तालछापर झील
जयसमंद झील, पिछोला झील, फतेहसागर झील, उदयसागर झील, आनासागर झील, पुष्कर झील, राजसमंद झील, नक्की झील, कोलायत झील, सिलीसेढ़ झील, गढ़सीसर झील
सांभर झील
सांभर झील राजस्थान के जयपुर, नागौर और अजमेर के कुछ हिस्से में अवस्थित है सांभर झील का निर्माण टेथिस सागर के अवशेष से माना जाता है | लेकिन बिजोलिया शिलालेख के अनुसार सांभर झील का निर्माण 551 ईस्वी में वासुदेव चौहान द्वारा करवाया गया | सागर झील राजस्थान की खारे पानी की सबसे बड़ी झील मानी जाती है तथा भारत में तीसरे नंबर की सबसे बड़ी झील है | ( नोट : भारत में खारे पानी की पहले नंबर की झील चिल्का झील - ओडिशा है व् दुसरे नंबर की पुलिकट झील - आन्ध्र प्रदेश और तमिलनाडु में है )
सांभर झील की विशेषता
अ. देवयानी तीर्थ स्थल ( तीर्थों की नानी ) सांभर झील के पास स्थित है |
ब. सांभर झील राज्य का सबसे बड़ा आंतरिक प्रवाह बेसिन है इस झील में मेथा नदी, खारी नदी, खेड़ला नदी, रूपनगढ़ नदी व् अन्य छोटे - बड़े नालो का विलय होता है |
स. इस झील का तल समुद्र तल से नीचा है यहां 400 मेगा वाट के सौर संयंत्र लगाए जा रहे हैं |
द. 1990 में इस झील को रामसर कन्वेंशन स्थल घोषित किया गया |
य. भारत का सबसे बड़ा आंतरिक नमक उत्पादन केंद्र ( 8% ऑफ इंडिया ) हिंदुस्तान साल्ट लिमिटेड द्वारा किया जाता है | जो कि राजस्थान के कुल नमक उत्पादन का 80% नमक उत्पादन है | इस झील से किया जाता है इस झील से क्यार पद्धति द्वारा नमक उत्पादन किया जाता है |
र. सर्दियों में उत्तरी एशिया से यहां हजारों पलोमिगो राजहंस आते हैं | 2019 में हजारों की संख्या में यहां पर पक्षियो की मृत्यु हुई थी |
पंचपदरा झील - बाड़मेर
पचपदरा झील उत्तम श्रेणी का नमक उत्पादित के लिए विख्यात है | इस झील के नमक में 98% सोडियम क्लोराइड पाया जाता है | इस झील से RSPL (राजस्थान स्टेट केमिकल लिमिटेड ) द्वारा नमक उत्पादन किया जाता है सन 1964 में यह नमक उत्पादन संयंत्र स्थापित किया गया | खारवाल जाति द्वारा क्यारी पद्धति से मोरेली झाड़ी की सहायता से इस झील में नमक उत्पादन किया जाता है |
डीडवाना झील - नागौर
इस झील की लंबाई 3
किलोमीटर
वही
चौड़ाई
3 से 6
किलोमीटर
है
| इस झील का नमक खाने योग्य नहीं है क्योंकि इस झील के नमक में सोडियम क्लोराइड के स्थान पर सोडियम सल्फेट पाया जाता है | यहां देवल जाति के लोग नमक मनाते हैं | यहां RSPL (राजस्थान स्टेट केमिकल लिमिटेड ) के द्वारा अमोनियम सल्फेट एवं सल्फ्यूरिक एसिड का उत्पादन किया जाता है |
अन्य खारे पानी की झीले
a.
नागौर जिला -
डेगाना झील, नावा झील, कुचामन झील
b.
जोधपुर जिला -
फलोदी झील बापरण
झील
c.
जैसलमेर जिला -
पोकरण झील, काबोद झील,
d.
बीकानेर जिला -
लूणकरणसर झील
e.
चूरू जिला -
तालछापर (सुजानगढ़) झील
f.
सीकर जिला -
रेवासा झील
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