पालनहार योजना ( Palanhar Yojana )
क्या है पालनहार योजना
पालनहार योजना राजस्थान सरकार की एक महत्वपूर्ण योजना है जिसे 08/02/2005 को प्रारम्भ किया गया था ! प्रारम्भ में इस योजना में अनुसूचित जाति के अनाथ बच्चो को शामिल किया गया था जिसमे समय - समय पर इस योजना में संशोधन कर निम्नलिखित श्रेणियों को शामिल किया गया -
- अनाथ बच्चे
- न्यायिक प्रक्रिया से मृत्यु दण्ड/ आजीवन कारावास प्राप्त माता-पिता की संतान
- निराश्रित पेंशन की पात्र विधवा माता की अधिकतम तीन संताने
- नाता जाने वाली माता की अधिकतम तीन संताने
- पुर्नविवाहित विधवा माता की संतान
- एड्स पीडित माता/पिता की संतान
- कुष्ठ रोग से पीडित माता/पिता की संतान
- विकलांग माता/पिता की संतान
- तलाकशुदा/परित्यक्ता महिला की संतान
योजना के उद्देश्य
अनाथ बच्चों के पालन-पोषण, शिक्षा आदि की व्यवस्था संस्थागत नहीं की जाकर समाज के भीतर ही बालक-बालिकाओं के निकटतम रिश्तेदार/परिचित व्यक्ति के परिवार में करने के लिए इच्छुक व्यक्ति को पालनहार बनाकर राज्य की ओर से पारिवारिक माहौल में शिक्षा, भोजन, वस्त्र एवं अन्य आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराना है। इस प्रकार राज्य सरकार द्वारा संचालित यह योजना सम्पूर्ण भारत वर्ष की एक अनूठी योजना है।
वित्तीय सहायता
· उपरोक्त राशि के अलावा प्रत्येक बच्चे को वस्त्र, जूते, स्वेटर आदि हेतु 2000 रूपये बार्षिक अतिरिक्त दिए जायेगे !
· पालनहार परिवार को उक्त अनुदान आवेदन करने पर शहरी क्षेत्र में विभागीय जिला अधिकारी द्वारा एवं ग्रामीण क्षेत्र में सम्बन्धित विकास अधिकारी द्वारा स्वीकृत किया जाता है।
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शर्ते :- अनार्थ बच्चों के पालन-पोषण, शिक्षा आदि के
लिए पालनहार को अनुदान उपलब्ध कराया जाता
है। पालनहार परिवार की वार्षिक आय 1.20 लाख रूपये से अधिक नहीं होनी चाहिए।
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ऐसे अनाथ बच्चों को 2
वर्ष की आयु में आंगनबाड़ी केन्द्र पर तथा 6
वर्ष की आयु में स्कूल भेजना अनिवार्य है।
विडियो देखने के लिए लिंक पर क्लिक करे https://youtu.be/HT7VU3EbEls
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