➠  नन्द वंश के संस्थापक महापदमंनन्द-उग्रसेन था नन्द वंश के कुल दो प्रतापी शासक हुए - महापदमनंद-उग्रसेन, धनानंद |

➤   महापदमनन्द-उग्रसेन - 344 ईसा पूर्व में मगध के गद्दी पर बैठा था पुराणों के अनुसार महापदमनन्द शुद्रमाता के गर्भ से उत्पन्न हुआ था इसके पिता का नाम महानन्दी था महावंशटिका के अनुसार महापदमनन्द लूटपाट करते हुए डाकुओ का नेता बन गया और अंत में पाटलीपुत्र पर अधिकार कर लिया |

➤   महापदमनन्द देखने में बड़ा ही सुंदर था इसलिए यह बहुत सी रानियों का प्रेम पात्र था

➤  महाबोधि वंश में महापदमनन्द का नाम उग्रसेन मिलता है पुराणों में इसे सर्वेक्षत्रात्मक था दूसरा परशुराम का अबतार बताया गया है |

➤   हथिगुफा अभिलेख के अनुसार नन्द राज्य ने कलिंग पर आक्रमण किया तथा कलिंग स्थित जैन मूर्ति उठाकर मगध ले गया था ऐसा कहा जाता है कि इसने सोराष्ट भी जीत लिया था इसके पास एक बड़ी विशाल सेना थी तारानाथ के अनुसार नन्द वश 29 बर्षो तक तथा मत्सय पुराण में इसका शासन काल 88 बर्षो ( सम्पूर्ण नन्द वंश का शासन काल ) तक रहा था |

➤  धनानंद - महाबोधिवंश अनुसार नन्दवंश का अंतिम शासन धनानंद है इसके मगध साम्राज्य पर बहुत अधिक अत्याचार थे इसलिए मगध के लोग इसे धनानंद कहकर पुकारते थे इसके शासन काल में सिकंदर ने सर्वेप्रथम भारत पर आक्रमण किया था |

➤  सम्पूर्ण नन्द वंश काल 344 ईसा पूर्व से 322 ईसा पूर्व था |